अध्यारम्भ के साथ भिलाई महिला महाविद्यालय के भौतिक विभाग में एमएससी प्रथम सेमेस्टर की कक्षाएँ प्रारंभ
भिलाई महिला महाविद्यालय के भौतिक विभाग में हुआ इन्डक्शन प्रोग्राम
भिलाई। भिलाई एजुकेशन ट्रस्ट द्वारा सेक्टर 9 में संचालित भिलाई महिला महाविद्यालय के फिज़िक्स विभाग में इन्डक्शन प्रोग्राम “अध्यारम्भ” के साथ एमएससी प्रथम सेमेस्टर की कक्षाएँ प्रारंभ हो गयीं। कार्यक्रम की अध्यक्षता भिलाई महिला महाविद्यालय की प्रिन्सिपल डॉ संध्या मदन मोहन ने की उन्होंने बताया की कोविड 19 से उपजी परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए प्रतिवर्ष की भांति एकसाथ सेन्ट्रलाइज़ प्रकार से करने की अपेक्षा छोटे-छोटे ग्रुप्स में ऑफलाइन इन्डक्शन प्रोग्राम का आयोजन किया जा रहा है ताकि कोविड प्रोटोकॉल का भली प्रकार से पालन किया जा सके। प्रबंधन की ओर से महाविद्यालय के एडमिनिस्ट्रेटर आरके शर्मा ने एमएससी भौतिक शास्त्र प्रथम सेमेस्टर की छात्राओं को उज्ज्वल भविष्य की कामना के साथ अपना शुभकामना संदेश दिया। इस अवसर पर महाविद्यालय के सभी विभागों के विभागाध्यक्ष उपस्थित थे।
इससे पूर्व कार्यक्रम के प्रारंभ मे भौतिक विभाग की विभागाध्यक्ष श्रीमती प्रतिभा छाया क्लाडियस ने छात्राओं के लिए इन्डक्शन कार्यक्रम के महत्व और उपयोगिता पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया की महाविद्यालय की प्रिन्सिपल डॉ संध्या मदन मोहन की पहल, प्रेरणा और मार्गदर्शन में महाविद्यालय की नव-प्रवेशी छात्राओं के लिए इन्डक्शन प्रोग्राम की एक शृंखला प्रारंभ की गयी है जिसका आरंभ आज महाविद्यालय के भौतिक विभाग से हुआ है। इस अवसर पर छात्राओं को महाविद्यालय का वर्चुअल भ्रमण कराया गया। कार्यक्रम की संयोजक विभाग की सहायक प्राध्यापिका सुश्री नंदिता खानरा ने छात्राओं को कॉलेज के “कोड ऑफ कन्डक्ट” तथा उनकी रिस्पॉन्सिबिलिटीज के बारे में सविस्तर जानकारी दी। कार्यक्रम के दौरान विगत वर्षों की विभाग की विभिन्न गतिविधियों तथा कार्यक्रमों की झलकियां छात्राओं को विडिओ के माध्यम से दिखायी गयीं। इसी दौरान छात्राओं को प्रेरणात्मक विडिओ के अंतर्गत प्रसिद्ध भारतीय भौतिकशास्त्री पद्मविभूषण डॉ सत्येन्द्र नाथ बोस की जीवनी दिखायी गयी।
कार्यक्रम के अंत में प्रिन्सिपल डॉ संध्या मदन मोहन द्वारा कॉलेज प्रबंधन की ओर से उपस्थित छात्राओं और प्राध्यापिकाओं को ऐकडेमिक तथा एक्स्ट्रा करिक्यूलर ऐक्टिविटीज में श्रेष्ठता बनाए रखने के उद्देश्य से प्रतीक स्वरूप कलम वितरित कर शुभकामनाएँ दी गयीं।