धीरे-धीरे हर्ड इम्यूनिटी की तरफ बढ़ रहा भारत..अभी और कम होंगे कोरोना के मामले
पर सावधानी जरूरी.. विशेष रूप से त्योहारी सीजन में मास्क, सेनिटाइजर का नियमित इस्तेमाल और सोशल डिस्टेंसिंग के साथ कोविड प्रोटोकॉल का पूरी तरह हो पालन
नई दिल्ली (ए)। देश में कोरोना के मामलों की स्थिति को लेकर एम्स (AIIMS) कम्युनिटी मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर डॉ संजय राय का कहना है कि देश हर्ड इम्यूनिटी की तरफ धीरे-धीरे बढ़ रहा है। संक्रमण के अधिक फैलने की वजह से अब कोरोना के मामलों में ज्यादा उतार-चढ़ाव देखने को नहीं मिल रहा है। आने वाले समय में कोरोना के मामलों में और कमी भी देखने को मिल सकती है। डॉ. जुगल किशोर भी कोरोना मामलों में कमी को लोगों के शरीर में पहले से मौजूद कोरोना की एंटीबॉडी से जोड़कर देखते हैं।
![](https://a2zkhabarwala.com/wp-content/uploads/2021/10/WhatsApp-Image-2021-10-31-at-8.56.02-AM.jpeg)
डॉ. राय के मुताबिक जिन राज्यों में कुछ समय पहले कोरोना के मामले काफी बढ़े हुए आ रहे थे उनमें संक्रमण अब घटने लगा। साथ ही जब देश में कोरोना की दूसरी लहर दिल्ली, मुंबई जैसे शहरों में कहर बरपा रही थी तो कुछ राज्यों में मामले इतने सामने नहीं आ रहे थे। संक्रमण से बचाव के लिए लोगों ने खुद को सुरक्षित कर रखा था। लेकिन जब धीरे-धीरे उन राज्यों में लॉकडाउन को खोला गया तो लोग सामान्य होने की तरफ बढ़े। जिससे फिर उन लोगों के बीच में संक्रमण पहुंचा और केरल, उत्तर-पूर्वी राज्यों में कोरोना के मामलों में बढ़ोतरी देखने को मिली।
दिल्ली के 90 फीसदी से अधिक लोगों में एंटीबॉडी
उन्होंने बताया कि दिल्ली के सिरो सर्वे में 90 फीसदी से अधिक लोगों में एंटीबॉडी मिलने की बात सामने आई है। जो लोगों के बीच हर्ड इम्यूनिटी बनने की ओर इंगित करती है। इसका कारण लोगों के बीच दूसरी लहर में संक्रमण का अधिक फैलना है। संक्रमित होने से लोगों के अंदर एंटीबॉडी बनी है। उन्होंने कहा कि टीकाकरण संक्रमण की गंभीरता को कम करता है।
प्रोफेसर डॉ. संजय राय ने कहा कि सामान्य होने की तरफ बढ़ने का यह सबसे उचित समय है। अनावश्यक तौर बंदिश लगाकर नहीं रह सकते हैं। लेकिन निगरानी की बेहद आवश्यकता है। जब तक कोरोना वायरस का कोई नया स्वरूप सामने नहीं आता है उस समय तक हालात ऐसे ही रहेंगे। जिन जगहों पर संक्रमण नहीं पहुंचा है वहां जरूर बीच-बीच मामलों में बढ़ोतरी दिख सकती है। लेकिन कोरोना की दूसरी लहर जैसी तस्वीर नहीं होगी।
ये अच्छी बात है कि मामले पिछले कुछ दिन से बढ़ नहीं रहे हैं। दिल्ली का सीरो सर्वे कहता है 97 फीसदी लोगों में कोरोना से लड़ने वाले एंटीबॉडी मिले। यह दिखाता है कि अभी मामले कम ही रहेंगे हालांकि त्योहारों पर भीड़ का मामूली असर आने वाले कुछ दिनों में संक्रमण दर पर दिखाई दे सकता है। –डॉक्टर जुगल किशोर, विभागाध्यक्ष, कम्युनिटी मेडिसिन, सफदरजंग
कोरोना के साप्ताहिक मामले आठ महीने में सबसे कम
देश में कोरोना संक्रमण के नए मामले साप्ताहिक औसत के आधार पर आठ महीने बाद सबसे कम दर्ज किए गए हैं। शनिवार को समाप्त हुए सप्ताह में प्रतिदिन कोरोना के औसत संक्रमितों की संख्या 14,422 दर्ज की गई जो 25 फरवरी के बाद से न्यूनतम है। इसके पहले 25 फरवरी को समाप्त सप्ताह में औसत नए मामलों की संख्या 14,260 थी।
पिछले एक महीने के आधार पर नए कोरोना संक्रमितों के औसत साप्ताहिक मामले साढ़े 42 फीसदी कम हुए हैं। 29 सितंबर को समाप्त हुए सप्ताह में कोरोना के नए मामलों की औसत संख्या 25,159 थी। देश में उपचाराधीन मरीजों की संख्या संक्रमण के कुल मामलों की 0.47 प्रतिशत है, जो 25 फरवरी 2021 के बाद से सबसे कम है। पिछले 24 घंटे में उपचाराधीन मरीजों की संख्या में 221 की बढ़ोतरी हुई। फिलहाल कुल इलाजरत मरीजों की संख्या 1,55,281 है। सक्रिय मामलों की इससे कम संख्या 25 फरवरी को 1,52,866 थी।
संक्रमण दर 26 दिन से दो फीसदी से कम
स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक रोजाना की संक्रमण दर 1.22 प्रतिशत है। यह पिछले 26 दिनों से दो प्रतिशत से कम है। साप्ताहिक संक्रमण दर 1.18 प्रतिशत है। यह पिछले 36 दिनों से दो प्रतिशत से कम है।
24 घंटों में 14313 नए मामले
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक देश में शनिवार सुबह तक 24 घंटों के दौरान कोरोना के 14313 नए संक्रमित मिले, जबकि 549 कोविड मरीजों की मौत हो गई। देश में कुल संक्रमितों की संख्या बढ़कर 3,42,60,470 हो गई है। कोरोना से मरने वालों की संख्या भी बढ़कर 4,57,740 हो गई है। देश में अब तक 3,36,41,175 लोग स्वस्थ हो चुके हैं जबकि मृत्यु दर 1.34 प्रतिशत है।