दुनिया के सबसे महंगे फुटबॉल कान्ट्रैक्ट से एफसी बार्सिलोना से जुड़े थे, अर्जेन्टीना के इस फुटबॉल स्टारर ने हाल ही में अर्जेन्टीना को सालों बाद कोपा अमेरिका का चैम्पीयन बनाया था।
नई दिल्ली (एजेंसी)। फुटबॉल जगत की सबसे बड़ी हलचल मचा देने वाली खबर स्पेन से आ रही है, जहां यूरोप के शीर्ष फुटबॉल क्लब बार्सिलोना (FC Barcelona) और इसके सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी लियोनल मेसी (Lionel Messi) की राहें आखिरकार जुदा हो गई हैं। फुटबॉल इतिहास के महानतम खिलाड़ियों में से एक लियोनल मेसी और बार्सिलोना का करीब 21 सालों का सफर का भी इसके साथ ही अंत हो गया है।
स्टार फुटबॉलर का स्पेनिश क्लब के साथ करार इस साल जून में खत्म हो गया था, जिसके बाद से ही उनके भविष्य को लेकर अटकलें लगाई जा रही थीं. हालांकि, माना जा रहा था कि क्लब और मेसी के बीच में बदली हुई शर्तों के साथ नए करार को लेकर समझौता हो जायेगा, लेकिन बार्सिलोना की ओर से गुरुवार 5 अगस्त की रात जारी बयान के बाद सारी उम्मीदें और संभावनाएं खत्म हो गईं। क्लब ने अपने बयान में कहा कि दोनों पक्षों की कोशिशों और सहमति के बावजूद वित्तीय स्थिति के कारण नई डील नहीं हो सकी और दोनों का सुनहरा सफर खत्म हो गया और अब मेसी किसी नए क्लब का हिस्सा बनेंगे।
क्लब ने एक बयान जारी कर कहा, “एफसी बार्सिलोना और लियोनल मेसी के बीच समझौता होने और दोनों पक्षों के नए कॉन्ट्रेक्ट साइन करने के स्पष्ट इरादे के बावजूद, वित्तीय और ढांचागत बाधाओं (स्पेनिश लीग नियमन) के कारण ये नहीं हो सकता। इस स्थिति के परिणामस्वरूप , मेसी बार्सिलोना के साथ नहीं रहेंगे। दोनों पक्षों को इस बात का खेद है कि क्लब और खिलाड़ी की इच्छाएं आखिरकार पूरी नहीं हो सकीं।” क्लब ने मेसी को उनके योगदान के लिए धन्यवाद दिया और आने वाले भविष्य के लिए शुभकामनाएं भी दीं।
बताया जाता है की ला लीगा का सैलरी कैप नियम भी स्टार फुटबॉलर के लिए प्रमुख अड़चन बना। स्पेनिश फुटबॉल की शीर्ष घरेलू लीग, ला लीगा, के सैलरी नियमों के तहत क्लब को खिलाड़ियों के वेतन में भारी कटौती करने की जरूरत थी, जिसके बाद ही वह मेसी को दोबारा अपने साथ रजिस्टर कर सकते थे। गोल.कॉम की रिपोर्ट के मुताबिक, ला लीगा के नियमों के तहत बार्सिलोना को खिलाड़ियों को दिए जाने वाले अपने सालाना वेतन में करीब 200 मिलियन यूरो यानी करीब 17.53 अरब रुपयों की कटौती करने की जरूरत थी। इस कोशिश में क्लब कई छोटे और बड़े खिलाड़ियों को बेचने की कोशिशों में लगा था, जिसमें उसे ज्यादा सफलता नहीं मिल सकी।
मेसी फुटबॉल इतिहास के सबसे महंगे खिलाड़ियों में हैं। बार्सिलोना के साथ उनका हाल ही में खत्म हुआ कॉन्ट्रैक्ट सबसे बड़ा और सबसे मंहगा था। 2017 वाला कॉन्ट्रैक्ट दुनिया के सबसे महंगे फुटबॉल कॉन्ट्रैक्ट्स में शामिल है। इसके मुताबिक उन्हें 5 वर्षों में 550 मिलियन यूरो (लगभग 442 करोड़े रुपए) दिए गए थे। उनका यह कॉन्ट्रैक्ट 30 जून को खत्म हो गया था. इसके बाद से तमाम तरह की अटकलें लगाई जा रही थीं कि मेसी क्लब के साथ वापस जुड़ेंगे या दूसरे क्लबों का रुख करेंगे। हालांकि, इस बीच पिछले महीने दोनों पक्षों के बीच सहमति बनी थी, जिसके तहत अपने क्लब के साथ करियर को खत्म न् करने की ख्वाहिश के कारण मेसी ने नए कॉन्ट्रैक्ट के लिए अपनी सैलरी में 50 फीसदी की कटौती भी स्वीकार की थी, लेकिन इसके बावजूद आखिरकार ये सफल नहीं हो सका।
असल में क्लब पिछले कुछ वक्त में जबरदस्त आर्थिक संकट से जूझ रहा है. बिजनेस इनसाइडर की रिपोर्ट के मुताबिक, 2020 में क्लब को 117 मिलियन डॉलर का नुकसान झेलना पड़ा था, जबकि क्लब के खातों में 1.4 बिलियन डॉलर का कर्ज चढ़ा था। क्लब ने हाल के सालों में कई 100 मिलियन पाउंड से ज्यादा कीमत देकर कई फुटबॉलरों को खरीदा था। इल फुटबॉलरों की सैलरी भी औसतन सैलरी से काफी ज्यादा थी। उस पर भी क्लब चैंपियंस लीग जैसा यूरोप का शीर्ष टूर्नामेंट जीतने में नाकाम हो रहा था। इन सबको और मुश्किल बनाया कोरोना महामारी के कारण बने हालातों ने, इन सबका असर क्लब की आर्थिक स्थिति पर पड़ा।