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वर्ल्ड वाटर डे पर भिलाई महिला महाविद्यालय के शिक्षा विभाग में निबंध प्रतियोगिता का हुआ आयोजन

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भिलाई। भिलाई एजुकेशन ट्रस्ट द्वारा संचालित भिलाई महिला महाविद्यालय के डिपार्टमेंट ऑफ एजुकेशन में “विश्व जल दिवस” के अवसर पर इस वर्ष के घोषित थीम “भूजल : अदृश्य से दृश्यमान बनाना” (Ground Water : Making the Invisible Visible) शीर्षक पर निबंध प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।

इस अवसर पर भिलाई महिला महाविद्यालय की प्रिन्सिपल डॉ संध्या मदन मोहन ने आयोजन की सराहना करते हुए कहा कि “जल ही जीवन है।” जल हमारे जीवन का अभिन्न अंग है, यह हमारा मूलभूत संसाधन है अतः इसकी सुरक्षा तथा संरक्षण अत्यंत महत्वपूर्ण है। अभी देर नहीं हुई है अगर हम आज से ही हमारी जिंदगी से जुड़े इतने महत्वपूर्व रिसोर्स को बचाने में योगदान दें। महाविद्यालय के शिक्षा विभाग की हेड डॉ मोहना सुशांत पंडित ने कहा कि जल का हमारे जीवन में बहुत बड़ा योगदान है, इसके संरक्षण तथा इस महत्वपूर्ण संसाधन के सतत् प्रबंधन के लिए हमें जागरूकता फैलानी होगी लोगों को बताना होगा कि पानी के बिना उनके अस्तित्व पर संकट गहरा सकता है, अतः इसकी महत्ता को समझना और समझाना होगा क्यूंकी “जल है तो कल है।”

आयोजित निबंध प्रतियोगिता में भिलाई महिला महाविद्यालय की बीएड के चतुर्थ तथा द्वितीय सेमेस्टर की छात्राओं ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। प्रतियोगिता के विजेताओं में बीएड चतुर्थ सेमेस्टर वर्ग में लवलीन मानिकपुरी-प्रथम, भूमिका जोशी-द्वितीय तथा बिलचन बाखला ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। बीएड द्वितीय सेमेस्टर वर्ग में तृष्णा नायर ने पहला, तृप्ति नायर ने दूसरा तथा आर्या साहू ने तीसरा स्थान प्राप्त किया। कार्यक्रम के सफल आयोजन में शिक्षा विभाग की सहा. प्राध्यापिकाओं श्रीमती हेमलता सिदार, भावना, नाजनीन बेग, आशा आर्या, प्रीति बिझेकर, काकोली सिंघा, देवयानी साहू, मधु यादव तथा सत्यम मिश्रा का उल्लेखनीय योगदान रहा।

गौरतलब है कि विश्व जल दिवस को हर साल एक थीम के साथ मनाया जाता है, इस साल की थीम – ‘भूजल : अदृश्य से दृश्यमान बनाना’ है जिसे आईजीआरएसी यानी इंटरनेशनल ग्राउन्डवाटर रिसोर्स असेस्मेंट द्वारा प्रस्तावित किया गया है। जिसका तात्पर्य ग्राउन्डवाटर लेवल को बढ़ाने से है। भूजल पृथ्वी पर मीठे पानी का सबसे बड़ा स्त्रोत है जो हमारे जीवन को समृद्ध करता है। हालांकि सतह के नीचे संग्रहीत होने के कारण, इसे अक्सर अनदेखा किया जाता है। इसलिए विश्व जल दिवस 2022 को विशेष रूप से इस संसाधन पर केंद्रित रखा गया है। जैसे-जैसे जलवायु परिवर्तन बदतर होता जायेगा, भूजल अधिक से अधिक महत्वपूर्ण होता जायेगा इसलिए हमें इस बहुमूल्य संसाधन को स्थायी रूप से प्रबंधित करने के लिए तथा प्रदूषण मुक्त रखने के लिए कार्य करना होगा।

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