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पीजी कॉलेज ऑफ नर्सिंग में गर्भावस्था, प्रसव और इसके प्रबंधन पर कार्यशाला का हुआ आयोजन

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बीएससी नर्सिंग, एमएससी नर्सिंग तथा पोस्ट बेसिक बीएससी नर्सिंग की छात्राओं ने प्राप्त की विषय से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी

भिलाई। पीजी कॉलेज ऑफ नर्सिंग, हॉस्पीटल सेक्टर के प्रसूति एवं स्त्रीरोग संबंधी नर्सिंग विभाग द्वारा कॉलेज में तीन-दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। बीएससी नर्सिंग चतुर्थ वर्ष, एमएससी नर्सिंग द्वितीय वर्ष एवं पोस्ट बेसिक बीएससी नर्सिंग प्रथम वर्ष की छात्राएँ प्रतिभागियों के रूप में इस कार्यशाला में शामिल हुईं।

आयोजित कार्यशाला के उद्घाटन सत्र में पीजीकॉन की प्रिन्सिपल प्रोफेसर डॉ अभिलेखा बिस्वाल, वाइस-प्रिन्सिपल प्रोफेसर डॉ श्रीलता पिल्लई तथा समस्त शिक्षिकाओं की उपस्थिति रही। उपरोक्त अवसर पर अपने सम्बोधन में प्रिन्सिपल डॉ अभिलेखा बिस्वाल ने मातृस्वास्थ्य पर जोर देते हुए कहा कि मातृस्वास्थ्य एक बच्चे तथा सामाजिक प्रगति के लिए अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने कहा कि इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए प्रत्येक नर्स को सफल प्रशिक्षित होना चाहिए ताकि वह प्रसव, रक्तस्त्राव व नवजात पुनर्जीवन से जुड़ी अचानक आने वाली जटिलताओं को अकेले ही संभाल सके।

उद्घाटन सत्र के तुरन्त बाद विद्यार्थियों के पंजीकरण तथा पूर्व परीक्षण के पश्चात कार्यशाला प्रारंभ हुई। इसके अंतर्गत प्रथम दिवस पर “गर्भावस्था के दौरान दवाएँ” विषय पर एमएससी नर्सिंग प्रथम वर्ष की छात्रा ने अपने विचार रखे। डॉ सुशीला सिंह बैस ने “गर्भावस्था का शरीर विज्ञान” विषय पर अपना प्रेज़न्टेशन दिया तथा संबंधित विषय पर प्रकाश डाला।

कार्यशाला के दूसरे दिन डॉ सीमा संतोष द्वारा “प्रसव और उसके चरण” विषय पर प्रकाश डाला जिसके पश्चात प्रेरणा राहुल बाघ द्वारा “प्रसव के प्रथम व द्वितीय चरण के प्रबंधन” के संबंध में प्रतिभागियों को जानकारी प्रदान करते हुए चर्चा की गयी। इसी सत्र में संगीता वर्मा द्वारा “प्रसव के तृतीय व चतुर्थ चरण के प्रबंधन” विषय से संबंधित जानकारी देते हुए चर्चा की गयी। कार्यशाला के मध्यकाल में प्रतिभागियों का उत्साह बनाए रखने विभिन्न रोचक खेलों, नृत्य तथा प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिताओं का भी आयोजन किया गया कार्यशाला के द्वितीय सत्र में प्रसव की प्रक्रिया का प्रदर्शन किया गया तथा विद्यार्थियों के व्यावहारिक क्षमता को बढ़ाने हेतु उनसे सिमुलेशन (अनुकरण) विधि के माध्यम से प्रसव प्रक्रिया को प्रस्तुत करवाया गया।

कार्यशाला के तीसरे व अंतिम दिन “पार्टोग्राफ” पर एमएससी द्वितीय वर्ष की छात्राओं रश्मि तथा अजिता शर्मा तथा “प्रसव के दौरान दवाएँ” विषय पर नेहा तथा “प्रसवोत्काल” विषय पर एमएससी छात्रा राजलक्ष्मी द्वारा प्रस्तुतीकरण दिया गया।

अंतिम दिन के दूसरे चरण में प्रोफेसर डॉ अभिलेखा बिस्वाल के मार्गदर्शन में पीपीएच (खून का रिसाव) विषय पर प्रसूति एवं स्त्री रोग संबंधी नर्सिंग विभाग की शिक्षिकाओं डॉ सुशीला सिंह बैस, डॉ सीमा संतोष, प्रेरणा राहुल बाघ, संगीता वर्मा एवं तेजेश्वरी द्वारा सिमुलेशन के माध्यम से अत्यंत उत्साहपूर्वक प्रभावी प्रस्तुति दी गयी। अंत में इस तीन-दिवसीय कार्यशाला के सफल आयोजन का समापन किया गया।

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