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छत्तीसगढ़ में 6% महंगी हुई बिजली, 1 अगस्त से लागू हुई बढ़ी दरें, आज की गयी बढ़ी दरों की घोषणा

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छत्तीसगढ़ में बिजली की दरों में 6 प्रतिशत की दर से आज वृद्धि की घोषणा कर दी गई है जिससे छत्तीसगढ़ में बिजली उपभोक्ताओं पर अब बिजली करीब 48 पैसा प्रति यूनिट का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा । यह दरें एक अगस्त से ही प्रभावी हो चुकी हैं जिसकी राज्य विद्युत नियामक आयाेग ने आज सोमवार को वृद्धि की सार्वजनिक घोषणा की।

हेमंत वर्मा, अध्यक्ष, छत्तीसगढ़ विदयुत नियामक आयोग

छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत नियामक आयोग के अध्यक्ष हेमंत वर्मा ने बताया, वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए आयोग ने बिजली की औसत दर 6.41 रुपए प्रति यूनिट निर्धारित की है। पिछले दो वर्षों से यह दर 5.93 रुपए प्रति यूनिट थी। उन्होंने बताया की तीन साल से दरों में वृद्धि नहीं हुई थी। वृद्धि को इस प्रकार समझ जा सकता है की सामान्य तौर पर प्रति महीने 200 यूनिट की खपत करने वाले एक परिवार को जहां पिछले महीने तक 700 रुपए का बिल आता था वहीं नई दर प्रभावी होने के बाद उतनी ही खपत पर बिजली का दाम 780 रुपए हो जाएगा। यानी उनकी जेब से 80 रुपए अधिक जाएंगे। जैसे-जैसे खपत बढ़ेगी अंतर बढ़ता जाएगा।

घरेलू उपभोक्ताओं के लिए अब 5 किलोवाट तक 0 से 100 यूनिट व 101-200 यूनिट तक फिक्स चार्ज 20 रुपये तथा प्रति यूनिट दर क्रमशः 3.60 व 3.80 रुपये होगी। 5 से 10 किलोवाट 201 से 400 यूनिट व 401 से 600 यूनिट तक फिक्स चार्ज 30 रुपये और प्रति यूनिट दर क्रमशः 5.20 और 6.20 होगी। 10 किलोवाट से अधिक भार पर फिक्स चार्ज 40 रुपये तथा 601 से अधिक यूनिट पर प्रति यूनिट दर 7.80 रुपये हो जाएगी।

किसानों के लिए लागू 100 वॉट तक लाइट एवं पंखे की स्वीकृति जारी रहेगी तथा गैर सब्सिडी वाले कृषि विद्युत पंप वाले उपभोक्ताओं को ऊर्जा प्रभार वर्तमान में प्रभावशील 10 प्रतिशत की छूट को बढ़ाकर 20 प्रतिशत कर दिया गया है। इसके अलावा कई उद्योगों को राहत भी प्रदान की गई है जिसमें मशरूम उत्पादक इकाइयों को कृषि क्षेत्र में रखकर राहत दी गई है। उच्च दाब कनेक्शन वाले पोहा-मुरमुरा मिलों को ऊर्जा प्रभार की प्रचलित दर में 5 प्रतिशत की छूट दी गई है। 33 किलोवॉट तक के उच्च दाब वाले स्वतंत्र लघु ऑक्सीजन संयंत्र को ऊर्जा प्रभार में 10 प्रतिशत की छूट दी गई है और निर्यात के लिए कपड़ा बनाने वाली इकाइयाें को भी बिजली शुल्क में राहत दी गई है।

राज्य विद्युत नियामक आयोग ने 5 हजार रुपए से अधिक मूल्य के बिल भुगतान के लिए ऑनलाइन प्रणाली को अनिवार्य कर दिया है। विद्युत वितरण कंपनी ने सभी उपभोक्ताओं के लिए ऑनलाइन प्रणाली अनिवार्य करने का प्रस्ताव किया था, लेकिन आयोग ने 5 हजार से कम के बिलों को ऑफलाइन भी जमा करने के निर्देश कंपनी को दिए हैं।


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