भिलाई महिला महाविद्यालय की बीएड छात्राओं ने किया गंगरेल डैम का शैक्षणिक भ्रमण
भिलाई महिला महाविद्यालय के बीएड प्रशिक्षुओं ने शैक्षणिक भ्रमण के दौरान छत्तीसगढ़ के पर्यटन स्थल, सिंचाई व्यवस्था तथा धार्मिक महत्व को समझा और जाना
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भिलाई। भिलाई एजुकेशन ट्रस्ट द्वारा हॉस्पिटल सेक्टर में संचालित भिलाई महिला महाविद्यालय के शिक्षा विभाग द्वारा महाविद्यालय के बीएड कोर्स के प्रशिक्षुओं के लिये गंगरेल डैम के एक-दिवसीय शैक्षणिक भ्रमण का आयोजन किया गया।
भिलाई से करीब 80 किमी पर स्थित यह क्षेत्र धमतरी जिले के अंतर्गत आता है जो की पर्यटकों के लिए काफी प्रसिद्ध है। बीएड प्रशिक्षार्थियों ने अपने भ्रमण के दौरान जानकारी प्राप्त की जिसके अनुसार यह बांध महानदी पर बनाया गया है इसे रविशंकर सागर के नाम से भी जाना जाता है। बांध की दूरी 15 किमी है। 10 एमवी क्षमता की गंगरेल हाइडल पावर प्रोजेक्ट नामक एक हाइडल पावर परियोजना द्वारा आसपास के क्षेत्र हेतु विद्युत का उत्पादन होता है। गंगरेल बाँध में जल धारण क्षमता 15,000 क्यूसेक है। यह छत्तीसगढ़ का सबसे बड़ा और सबसे लंबा बांध माना जाता है जो की साल भर सिंचाई की आपूर्ति करता है, जिससे किसान प्रति वर्ष दो फसलों की कटाई कर सकते हैं और भिलाई स्टील प्लांट का प्रमुख जल आपूर्तिकर्ता हैं।
गंगरेल डैम के साथ ही बीएड प्रशिक्षुओं ने आदिशक्ति माँ अंगार मोती के दर्शन भी किये। उन्हें बताया गया कि जब गंगरेल बांध नहीं बना था, तो उस इलाके में बसे गांवों में शक्ति स्वरूपा मां अंगारमोती अधिष्ठात्री देवी थीं. बांध बनने के बाद वह सभी गांव डूब में चले गए, लेकिन माता के भक्तों ने अंगारमोती की गंगरेल के तट पर फिर से स्थापना कर दी। जहां सालभर भक्त दर्शन के लिए आते हैं। उनका मानना है कि माता से मांगी मन्नत जरूर पूरी होती है।माँ अंगार मोती की ख्याति दूर-दूर तक फैली हुई है। वनदेवी अंगारमोती का दर्शन कर श्रद्धालु अपने परिवार की सुख-शांति और समृद्धि की कामना करते हैं वहीं विशेष रूप से संतान प्राप्ति की इच्छा से दूर-दराज से निःसंतान महिलायें यहाँ मन्नत मांगने आती हैं।
बीएड प्रशिक्षुओं के दल ने शैक्षणिक भ्रमण के दौरान गंगरेल डैम स्थित मिनी गोवा बीच तथा गार्डन का भ्रमण किया तथा बोटिंग का भी आनंद लिया।
भिलाई महिला महाविद्यालय की प्रिन्सिपल डॉ संध्या मदन मोहन ने इस शैक्षणिक भ्रमण के सफल आयोजन पर शिक्षा विभाग को बधाई दी एवं कहा कि शैक्षणिक भ्रमण का प्रमुख लक्ष्य विद्यार्थियों को छत्तीसगढ़ की समृद्ध परंपरा व संस्कृति पर्यटक तथा धार्मिक स्थलों से अवगत कराना तथा साथ ही इनमें एकता एवं भाईचारे का विकास तथा सहयोगी अधिगम पर बल देना था। महाविद्यालय के शिक्षा विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ मोहना सुशांत पंडित ने बताया कि बीएड के प्रशिक्षुओं के लिए शिक्षा विभाग द्वारा प्रति वर्ष इसी प्रकार के शैक्षणिक भ्रमण का आयोजन किया जाता रहा है। शैक्षणिक भ्रमण द्वारा छात्राओं को व्यवहारिक ज्ञान प्राप्त करने का भी सुनहरा अवसर मिलता है । उन्होंने बताया कि इस शैक्षणिक भ्रमण के दौरान समस्त छात्राओं ने जमकर इंजॉय किया तथा ज्ञान प्राप्ति की दृष्टि से अत्यंत ज्ञानवर्धक तथा महत्त्वपूर्ण बताया।
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शैक्षणिक भ्रमण के सफल आयोजन में शिक्षा विभाग की हेड डॉ मोहना सुशांत पंडित सहित विभाग की सहा. प्राध्यापिकाओं हेमलता सिदार, नाज़नीन बेग, आशा आर्य, सत्यम मिश्रा, श्वेता पुरी तथा देवयानी का उल्लेखनीय सहयोग रहा।