भिलाई महिला महाविद्यालय के शिक्षा विभाग में वसंत पंचमी का भव्य आयोजन
विद्या की देवी माँ सरस्वती की पूजा-अर्चना कर प्रसाद वितरण कर भंडारा का किया गया आयोजन
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भिलाई। भिलाई एजुकेशन ट्रस्ट द्वारा संचालित भिलाई महिला महाविद्यालय के बीएड विभाग में वसंत पंचमी का भव्य आयोजन किया गया। महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ संध्या मदनमोहन के मार्गदर्शन एवं शिक्षा विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ मोहना सुशांत पंडित के निर्देशन से कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलन कर माँ सरस्वती की पूजा-अर्चना से किया गया।
भिलाई एजुकेशन ट्रस्ट के मैनेजिंग ट्रस्टी विजय कुमार गुप्ता तथा भिलाई महिला महाविद्यालय के चेयरमेन अरविन्द जैन ने विशेष रूप से समस्त कॉलेज स्टाफ को वसंत पंचमी की शुभकामनाएँ देते हुए माँ सरस्वती के आशीर्वाद से समृद्धी एवं संपन्नता की प्राप्ति की कामना की। आयोजन में सम्मिलित हुईं महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ संध्या मदन मोहन ने उपस्थितजनों को वसंत पंचमी की शुभकामनाएँ देते हुए कहा कि ऋतुराज वसंत का आगमन प्रकृति में नए जीवन के संचार के साथ-साथ मानव जीवन में भी अद्भुत उत्साह का संचार करता है जिसका उपयोग हमें रचनात्मक रूप से करना चाहिए।
कार्यक्रम में महाविद्यालय के विभिन्न विभागों की विभागाध्यक्ष डॉ सुनीता राव, डॉ मधुलिका श्रीवास्तव, डॉ आशा रानी दास, डॉ भारती वर्मा सहित सभी प्राध्यापिकाएँ व अशैक्षणिक स्टाफ भी सम्मिलित हुए। कार्यक्रम को सफल बनाने में बीएड विभाग की सहायक प्राध्यापिकाओं श्रीमती हेमलता सिदार, भावना, नाजनीन बेग, आशा आर्या, प्रीति बिझेकर, काकोली सिंघा, देवयानी साहू, मधु यादव का सहयोग तथा बीएड द्वितीय एवं चतुर्थ सेमेस्टर की छात्राओं अंजना, प्रशीथा, अंजू, भूमिका, कविता, नेहा पाल, सीमा, वर्षा, यामिनी, अदिति, संगीता, सिमरन, पिंकी, योगिता, रेणुका का कार्यक्रम के आयोजन में उल्लेखनीय योगदान रहा।
कार्यक्रम में विशेष रूप से लोकभारती शाला की प्राचार्या श्रीमती एस धनलक्ष्मी तथा महाविद्यालय की बीएड की पूर्व छात्राएँ सत्यम भारद्वाज, खोमेश्वरी, सीमा, रिया, भी सम्मिलित हुईं।
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गौरतलब है की ऐसी मान्यता है कि माघ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि पर माँ सरस्वती प्रकट हुई थीं। इसी कारण से वसंत पंचमी पर माँ सरस्वती की विशेष रूप से पूजा-आराधना होती है।
इसके अलावा यह भी मान्यता है कि इस दिन विद्या आरंभ करने से ज्ञान में वृद्धि होती है और वसंत पंचमी को अबूझ मुहूर्त कहा जाता है और इस दिन कोई भी शुभ कार्य बिना मुहूर्त के संपन्न किया जा सकता है।