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भिलाई महिला महाविद्यालय के शिक्षा विभाग में समानता दिवस मनाया गया

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महाविद्यालय की बीएड छात्राओं के लिए निबंध प्रतियोगिता का हुआ आयोजन, नीतू ने मारी बाजी

भिलाई। भिलाई एजुकेशन ट्रस्ट द्वारा सेक्टर 9 में संचालित भिलाई महिला महाविद्यालय के शिक्षा विभाग में “महिला समानता दिवस” के अवसर पर बीएड छात्राओं के लिए निबंध प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।

कार्यक्रम में उपस्थित छात्राओं को संबोधित करते हुए भिलाई महिला महाविद्यालय की प्रिन्सिपल डॉ संध्या मदन मोहन ने कहा कि आज महिलाओं को पुरुषों के बराबर अधिकार मिले हैं लेकिन समाज में उनकी स्थिति को लेकर अभी भी असमानता है। महिला समानता एक मानवाधिकार के रूप में मानी जाती है। यह न केवल महिलाओं के लिए बल्कि समाज के सभी सदस्यों के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि एक समरसता और न्यायपूर्ण समाज बनाने के लिए महिलाओं का योगदान अत्यधिक महत्वपूर्ण होता है। उन्होंने कहा कि यह दिन हमें यह स्मरण कराता है कि महिलाओं का समाज में महत्वपूर्ण योगदान है और हमें उनकी समर्पण और मेहनत की मान्यता करनी चाहिए।

महाविद्यालय के शिक्षा विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ मोहना सुशांत पंडित ने कहा कि हमें महिलाओं के समान अधिकारों के लिए किए गए संघर्षों के बारे में आने वाली पीढ़ी को अवगत करना चाहिए ताकि उन्हें इस बात की जानकारी रहे। महिला समानता के प्रति समाज में जागरूकता बढ़ने के साथ साथ महिलाओं ने भी विभिन्न क्षेत्रों में उन्नति दिखायी है। वे नेतृत्व, शिक्षा, विज्ञान, प्रोद्योगिकी, खेल और कला में अपनी क्षमताओं का प्रदर्शन कर रही हैं।

इस अवसर पर बीएड छात्राओं के लिए आयोजित निबंध प्रतियोगिता में बीएड तृतीय सेमेस्टर की छात्राओं ने भाग लेकर अपनी प्रतिभा का परिचय दिया। निबंध प्रतियोगिता में प्रथम स्थान नीतू एस नायर, द्वितीय स्थान रश्मि देवांगन तथा तृतीय स्थान नेहा चेलक तथा तृप्ति साहू ने संयुक्त रूप से प्राप्त किया।

कार्यक्रम के आयोजन में शिक्षा विभाग की सहा. प्राध्यापिकाओं हेमलता सिदार, नाजनीन बेग, आशा आर्या व काकोली सिंघा आदि का सहयोग रहा।

गौरतलब है कि महिला समानता दिवस का आयोजन प्रति वर्ष 26 अगस्त को महिलाओं के अधिकारों और समानता को प्रोत्साहित करने के लिए होता है। यह दिन महिलाओं के सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक पैमाने पर उनकी प्रगति को सुनिश्चित करने का एक माध्यम होता है। इस दिन कई जागरूकता कार्यक्रम और शिक्षात्मक गतिविधियाँ आयोजित की जाती हैं जो महिलाओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करती हैं और समाज में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका को प्रस्तुत करती हैं।

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